भारतीय पुस्तक-प्रकाशन के 75 वर्ष (1947-2022)

About the book
About the book पुस्तक भारतीय प्रकाशन क्षेत्र के विगत 75 वर्षों के गौरवशाली विकास यात्रा की व्यापक जानकारी को प्रस्तुत करती है और भूत एवं भविष्य सम्रग दृश्टिकोण को भी चित्रित करती हैं। यह इस बात पर भी प्रकाश डालती है, कि किस प्रकार भारतीय प्रकाशन के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य एवं इसके सभी हितधारकों की अथक मेहनत ने, अंग्रेजी में पुस्तकें प्रकाशित करने की क्षमता में हमारे प्यारे राष्ट्र को प्रकाशन के मामले में वैश्विक अग्रणी देशों में से एक बनने और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहने की उपलब्धि प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। इस विशाल विस्तार के परिणामस्वरूप 2024 तक हमारी विकास क्षमता 800 बिलियन रुपए तक पहुँच जाएगी। बीस भारतीय भाषाओं में प्रकाशन पर लेखों का विस्तृत स्वरूप इस पुस्तक के पहले भाग में निहित किया गया है।तत्पश्चात दूसरे भाग में विश्व के बदलते परिदृश्य के फलस्वरूप किस प्रकार प्रकाशन के क्षेत्र में विगत कुछ दशकों में सभी कठिन बाधाओं का सामना किया है।भारत में कॉपीराइट के व्यवहार्यता और सीमा पर जन को शिक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के अतिरिक्त, साहित्य क्षेत्र के रचनात्मक परिणाम को बढ़ाने के उद्देश्य से इस उद्योग में डिजिटलीकरण और स्थिरता की भूमिका को भी दर्शाया गया है। अंत में, प्रतिष्ठित भारतीय मनीषियों की लेखनी से यह तथ्य प्रकट किया गया है । कि किस प्रकार फ़ेडेरेशन ऑफ़ इंडियन पब्लिशर्स, आईपीए जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका के साथ इस क्षेत्र में सुदृढ़ वैश्विक और घरेलू संबंध स्थापित करने का केंद्र बिंदु रहा है।Specifications
Publisher | THE FEDERATION OF INDIAN PUBLISHERS |
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Publication Year | 2022 |
ISBN-13 | 9788195575008 |
ISBN-10 | 8195575005 |
Binding | Hardcover |
Edition | First |
Language | (Hindi) |
No. of pages | 472 |
Dimensions (Cms) | 27 x 21 x 3.5 |
Weight (grms) | 1390 |
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